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नोट बंदी से नहीं जनता आज परेशान है देश के नेताओं से एवं देश के भ्रष्ट अधिकारियों से

aarthik asmanta ke khilaf ek aawaj
aarthik asmanta ke khilaf ek aawaj
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थोड़े दिनों बाद देश के पांच राज्यों में विधान सभा चुनाव होने वाले हैं , सत्ता में काबिज भारतीय जनता पार्टी , एवं विपक्षी पार्टियां अपनी अपनी उपलब्धियां गिनाने में लगीं हैं रोज नए शिलान्यास किये जा रहें हैं नयी योजनाओं की घोषणा हो रही है , क्योंकि ५ साल तो बीत गए जनता पर जुल्म करते करते अब नए सब्ज बाग़ दिखाए जा रहें हैं उत्तरप्रदेश में सत्ता में काबिज समाजवादी पार्टी फिर से लोगों को सपने दिखा रही है और नए वायदे कर रही है , जनता से कह रही है अगर हमें जिताओगे तो हमारी पार्टी पहले से भी अच्छा काम करेगी ,जैसे बीते ५ सालों में उन्होंने केवल जनता के हित का हीं सोंचा है प्रदेश में कानून ब्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रही अपराधी अपराध करते रहे भू- माफिया लोगों की जमीन हड़पते रहे स्वास्थ्य विभाग दवाईयां बेचता रहा और मायावती जी के समय के घोटालेबाजों को कोई सजा नहीं दे पाया बल्कि एक एक कर वे अपराधी मार दिए गए या अपनी मौत मर गए समाजवादी पार्टी के नेता मोदी जी को नोट बंदी के लिए घेरते रहे और यही सोचते रहे हो हल्ला करने से शायद मोदी जी अपने फैसले को वापस ले लेंगे पर मोदी जी ने जनता से ५० दिन का समय माँगा था जो ३० दिसम्बर को पूरा होगा . ऐसा नहीं है की मोदी जी के इस फैसले से जनता को कोई तकलीफ नहीं हुयी ,तकलीफ जरूर हुयी पर तकलीफ होते हुए भी देश की गरीब जनता मोदी जी के फैसले से खुश दिखाई दी हाँ नेता एवं देश की अन्य पार्टियां खासकर कांग्रेस नित नए आरोप लगाते रहे यहाँ तक की देश के पूर्व प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह कहते रहे मोदी जी के नोट बंदी के फैसले से देश की गरीब जनता अपने पैसों को बैंक से नहीं निकाल पा रही है कभी मनमोहन सिंह यह नहीं कहते की जब देश में कांग्रेस पार्टी की सरकार थी और वे प्रधानमंत्री थे तब जो लाखों करोड़ों का घोटाला हुवा वह किसका पैसा था और क्या उन घोटालों से देश की जनता का कल्याण हुवा . और तो और मनमोहन सिंह ने अपने शासन काल के दौरान ये तक कहा की अगर विकास होगा तो भ्र्ष्टाचार भी होगा यानि उन्होंने भ्र्ष्टाचार को भी देश हित में बताया . अब सोचने वाली बात यह है की मनमोहन सिंह को यह बात कैसे हजम होगी की देश में बीते ढाई साल में कोई घोटाला या भ्र्ष्टाचार नहीं हुवा देश की जनता जानती है मनमोहन सिंह एक ईमानदार छवि के प्रधानमंत्री थे इसमें कोई संदेह भी किसी को नहीं पर वे कठपुतली प्रधानमंत्री थे इस सच्चाई को भी तो देश की जनता जानती है अगर प्रधामंत्री के नाक के नीचे घोटाले और भ्रष्टाचार होते रहे और प्रधानमंत्री मूक दर्शक बना रहे ,वैसी ईमानदारी किस काम की? चोरों को संरक्षण देने वाला चोर ही कहलाता है शायद इस सच्चाई को श्री मनमोहन सिंह जी नहीं जानते थे या नहीं मानते थे . अतः मेरी राय में आज देश की आम गरीब जनता परेशान है तो केवल एक बात से और वह है देश के बेईमान भ्रष्ट नेता एवं देश के भ्रष्ट प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों से. संक्षेप में कहें तो ,इस गंभीर बीमारी को दूर तभी किया जा सकता है जब चुनाव आयोग को यह अधिकार दिया जाए की वो चुनाव में खर्च होनेवाले धन का हिसाब रखे और सुनिश्चित करे की चुनावों में पार्टियों द्वारा काले धन का इस्तेमाल ना हो , पार्टियां चुनाव में काल धन इस्तेमाल ना कर पाएं निश्चित रूप से नोट बंदी काले धन को समाप्त करने के लिए एक ऐतिहासिक एवम साहसिक कदम है और ऐसे साहसिक कदम को उठानेवाले देश के वर्तमान प्रधानमंत्री श्री मोदी जी हैं बेशक उनको देश में वर्तमान अन्य पार्टियों का विरोध भी सहना पड़ा और विरोध भी ऐसा की विरोधियों ने बीते शीतकालीन संसद सत्र को एक दिन भी चलने नहीं दिया देश को करोड़ों रूपये का नुकसान हुवा, ऐसे में देश की जनता यही चाहती है की उस काल का जिसमें संसद में देश का कोई काम नहीं हुवा उस काल का देश के सांसदों को एक रुपया भी नहीं मिलना चाहिए .इसकी घोषणा भी वर्तमान सरकार द्वारा जल्द की जानी चाहिए . नोट बंदी के दौरान कई बैंक अधिकारियों ने भी फिर से काले धन रखने वालों की मदद की है उन अधिकारियों एवम कर्मचारियों से सरकार को सख्ती से निपटना चाहिए क्योंकि आज देश की जनता इन भ्रष्ट अधिकारियों एवम देश के बेईमान नेताओं से परेशान है आनेवाले चुनाव में बेदाग छवि वाले नेताओं को हीं पार्टियां टिकट दे ताकि देश को ईमानदार एवम सादगी पसंद नेता मिलें जो जनता की भलाई के लिए काम करें जिससे देश की गरीब जनता के जीवन में भी खुशहाली आये और विश्व में भारतवर्ष का सबसे विशाल लोकतंत्र के रूप में नाम गिना जाए .
अशोक कुमार दुबे ,
देहरादून

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