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सर्वोच्च न्यायलय के आदेश के बाद क्या पार्टियां दागियों को टिकट नहीं देंगी ?

aarthik asmanta ke khilaf ek aawaj
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देश के सर्वोच्च न्यायलय ने ऐसी ब्यवस्था देने का मन बनाया है जिसके द्वारा देश कि निचली अदालतों को यह निर्देश दिया गया है की जिन नेताओं के खिलाफ मुकदमें दर्ज हैं उन मुकदमों का १ साल के भीतर फैसला दिया जाए यानि २०१५ के पहले .अदालतों को दिया गया ऐसा निर्देश सीधे -सीधे दागी नेताओं को चुनाव में उतरने से रोकने के लिए ही है सर्वोच्च न्याययालय द्वारा उठाया गया सही समय पर सही कदम है . यह सर्वविदित है कि आज अपने संसद में १६२ दागी सांसद हैं और उनमें से आधे से ज्यादे नेताओं पर संगीन अपराध के मुक़दमे चल रहें हैं नेता लोग अपने रसूख के बल पर मुकदमों को कोर्ट में लंबित रखते आये हैं और ऐसे नेता मंत्री के पद पर भी कायम रहें हैं . क्या पार्टियां भी सर्वोच्च न्यायलय के इस फैसले को सिद्धांत रूप में स्वीकार करने को बाध्य होंगी अगर, उनका उत्तर हाँ! में है तब तो वे आने वाले आम चुनाव में पार्टियां किसी दागी नेता को टिकट देने से परहेज करेंगी अन्यथा जनता उनसे उन नेताओं कि लिस्ट मांगेगी और उन नेताओं का इस चुनाव में बहिस्कार करने का मन बनाएंगी और ऐसा होना निश्चित है . ऐसे हालत में चुनाव में बेहतर प्रदरशन के लिए पार्टियों को न्यायलय के इस निर्देश को गम्भीरता से लेना होगा और टिकट देने का फैसला करते वक्त दागी नेताओं को टिकट ना दिया जाए उस पर विचार करना होगा खासकर देश कि दोनों राष्ट्रिय पार्टियों (बी जे पी एवं कांग्रेस ) को अगर इस बार पार्टियां चूकतीं हैं तो जनता इस बार जवाब देगी क्यूंकी चुनाव आयोग ने इस बार वोटरों को भी किसी नेता को ना चुनने का हक़ दिया है(नोटा) और चुनाव आयोग का यह सराहनीय कदम ही कहा जाएगा . राजनीती में सुचिता लाने के लिए ऐसा प्रावधान निहायत ही जरूरी बन गया था .आजकल सभी पार्टियां अपने उम्मीदवार का नाम घोषित करने में लगीं हैं और ऐसा भी ख़बरों में पढ़ने को मिला है कि हर बार कि तरह हीं इस बार भी पार्टियों ने टिकट देते वक्त एक ही मापदंड रखा है वह है कौन नेता चुनाव जीत सकता है बेशक उसकी छवि अपराधी कि ही क्यूँ ना हो. मैं किसी नेता का नाम लिखना यहाँ जरूरी नहीं समझता वह तो सबको मालूम है ही .आशा है पार्टियां सुप्रीम कोर्ट के निर्देश से सहमति जताते हुए अपने फैसलों पर पुनर्विचार करेंगी और इस चुनाव से दागियों को दूर रखेंगी ताकी जनता को अपन वोट बर्बाद न करना पड़े और साफ़ सुथरी छवी वाले समर्पित नेताओं के हाथ में ही सत्ता कि बागडोर इस बार जनता सौंपे इसीमें देश कि पार्टियों का ,नेताओं का एवं जनता का भला होगा देश का सर्वांगीण विकास होगा और देश कि जनता जो आज बदहाली के दौर से गुजर रही है जानलेवा महंगाई को झेल रही है उससे जनता को भी निजात मिलेगा . और तभी अपन देश विश्व के सबसे महानतम लोकतंत्र में सुमार हो पायेगा .विश्व के बाकी देश भी ऐसे लोकतंत्र के सिद्धांतों और पदचिन्हों पर चलने की सोचेंगे .

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