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आजकल टेलीविजन पर तक़रीबन रोज ओपिनियन पोल का प्रोग्राम जोरों पर है और टेलीविजन के हर चैनल पर दिखाए जाने वाले ओपिनियन पोल में कांग्रेस कि हालत ख़राब दिखायी जा रही है जो कि एक जमीनी हकीकत है , सच्चाई है पर जब कांग्रेस पार्टी के नेताओं को यह दिखाई देने लगा कि जनता उनके खिलाफ जा रही है तो बजाये इसका कारन समझने के कांग्रेस पार्टी ओपिनियन पोल को ही बंद करवाना चाह रही है जो कि संविधान एवं लोकतंत्र के खिलाफ है मेरी राय में ओपिनियन पोल अभिब्यक्ति कि स्वतंत्रता से जुड़ा सवाल है और इस तरह के ओपिनियन पोल हर चुनाव के पहले होते रहे हैं फिर आज क्या बात हो गयी जो कांग्रेस इसके खिलाफ जाने कि सोंच रही है क्या कांग्रेस के ओपिनियन पोल पर पाबंदी लगा देने से लोग कांग्रेस को पसंद करने लगेंगे कांग्रेस को चुनाव में जीत दिला देंगें . इस देश कि जनता आज ८० रूपये किलो प्याज , ४० रूपये किलो आलू और ८० रूपये किलो टमाटर खरीद रही है जो किसी गरीब के पहुँच से बाहर है गरीब तो एक प्याज पर अपनी रोटी खाता था वह भी अब उसको नून रोटी खाना पड़ रहा है और कांग्रेस जो आज सरकार में बैठी है वह इस महंगाई के लिए राज्यों को जिम्मेदार कह रही है जबकि देश कि कई राज्यों में भी कांग्रेस कि ही सरकार है अब जब कांग्रेस महंगाई जैसे ज्वलंत मुद्दे पर अपना पल्ला झाड़ रही है जिससे जनता का सीधे सम्बन्ध है जनता कि रोजमर्रा कि जरूरतें इससे जुडी हैं फिर जनता जब उनके खिलाफ जा रही है तो कांग्रेस को चिंता क्यूँ? हो रही है क्या , कांग्रेस यही चाहती है कि लोग कमरतोड़ महंगाई से यूँ ही जूझते रहें और उनकी पार्टी चुनाव जीतकर फिर से सत्ता में काबिज हो जाये ताकि आगे आने वाले पांच सालों में जनता को भूखा ही मार दें. कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष आज कल अपने भाषणों में यह कहना नहीं भूलते कि उन्होंने देश जनता को आर टी आयी (सुचना का अधिकार ) दिला दिया, कांग्रेस ने खाद्य सुरक्षा बिल ला दिया अब, गरीबों को भर पेट अनाज मिलेगा जबकि कांग्रेस को अच्छी तरह पता है देश में अनाज सार्वजानिक वितरण प्रणाली के तहत बांटा जाता है और देश कि सार्वजानिक वितरण प्रणाली आज कैसे काम कर रही है यह अपने देश के लोग तो क्या विदेशों में बैठे लोग भी जानते हैं उन लोगों ने भी अनाज को सड़ता हुवा टेलीविजन चैनलों पर देखा होगा कभी राहुल जी ने यह कहा हमारी पार्टी ने देश में इतने नए गोदाम बनवा दिए अब अनाज नहीं सड़ेगा यु खुले में गेहूं नहीं रखा जायेगा
कांग्रेस पार्टी ने तो नेताओं को सुचना के अधिकार के दायरे से ही निकाल दिया है , फिर कैसे? कह रहें हैं सुचना का अधिकार जनता को दिला दिया. नेता कहाँ से इतना धन चुनाव में खर्च कर रहा है रूपये बाँट रहा है इसका खुलासा ना हो सके अतः उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ही चुनौती दे डाली कोई कायदा कानून ये नेता ये पार्टियां मानने को तैयार ही नहीं हैं और कहते फिर रहें हैं ये जनता के नेता हैं और जनता के प्रति जवाबदेह हैं यह कैसी जवाबदेही हुयी. अतः अब भी समय है कुछ काम भी ये नेता कर लें जनता के दुःख दर्द को समझ लें कौन क्या बयां दे रहा है उसके उलट अपना बयान देनें के बजाये कुछ जनता का काम कर लें. कानून केवल बना देने से जनता का कोई काम नहीं बनता उसका पालन कौन करता है और पालन होता भी है या नहीं यह सुनिश्चित करने कि आज जरुरत है. अगर जनता का कुछ काम अगला चुनाव आने के पहले भी कर पाये तो ओपिनियन पोल कांग्रेस का कुछ बिगाड़ नहीं पायेगा लेकिन कुछ करें तो सही भ्रष्टाचारियों को जेल भेजें उनको टिकट ना दें , घोटाले बाजों कि संपत्ति जब्त कर सरकारी खजाने में डालें महंगाई पर रोना बंद कर इसको कैसे कम किया जाये कैसे कम करना है इसका सोंचें. जमाखोरों को जेल में बंद करें जब कुछ जनहित काम करेंगे तब लोग जरुर सराहेंगे यु नकारेंगे नहीं पर केवल बयान बाजी करेंगे काम कुछ नहीं करेंगे जांच करते रहेगें और फैसला कर सजा नहीं दिलाएंगे तब फिर कैसे कोई कांग्रेस को वोट देगा इस सच्चाई क्या है ? कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के नेता यह समझे आज इसीकी जरुरत है
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