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पिछले दिनों कांग्रेस उपाध्यक्ष श्री राहुल गांधी अपने चुनावी भाषण में कह रहे थे केवल कांग्रेस पार्टी ही ऐसी पार्टी है जो गरीबों के लिए काम करती है बाकि बी जे पी तो औद्योगिक घरानों के लिए काम करती है इतना ही नहीं उन्होंने बुंदेलखंड के किसी गरीब इलाके में कहा केंद्र से कांग्रेस करोड़ों रुपया गरीबों के लिए भेजती है पर वह पैसा गरीबों तक पहुचता नहीं है और इसमें राज्य में जो वर्त्तमान सरकार है वही दोषी है लेकिन श्री राहुल गांधी को यह ख्याल नहीं आया कि जिनको वे दोषी ठहरा रहें हैं उनके सहारे पर उनकी केंद्र में सरकार बची हुयी है उन्होंने बी एस पी कि मायावती को भी दोषी बताया और इन दोनों पर ही आय से अधिक संपत्ति के मामले चल रहे थे और कांग्रेस कि सरकार ही इन दोनों को सी बी आयी जांच से बचाती रही है और अब तो दोनों के खिलाफ मुकदमा भी रद्द हो गया सी बी आयी को कोई सबूत नहीं ,मिला यह बात जनता को समझ में नहीं आयी कि आखिर जब आरोप लगा था कि आय से अधिक इनकी संपत्ति है फिर उस संपत्ति के रहते हुए ये लोग अदालत एवं सी बी आयी से बरी कैसे? हो गए, या तो जिन्होंने यह झूठा आरोप इन दोनों नेताओं पर लगाया था उनपर क़ानूनी कारर्वाई हो. यह कैसा न्याय है ? जनता के समझ से परे है क्या कभी इसका खुलासा भी होगा ऐसे कई मामलों में नेता बरी हो जा रहें हैं खास कर जब चुनाव होने वाला हो तब ऐसा कैसे हो रहा है. चलिए यह सब तो न्यायिक प्रक्रिया है और जब जानकारी न हो तो इस विषय पर ज्यादा बातें करना उचित नहीं कहा जायेगा अब फिर से राहुल गांधी के बक्तबयों पर ध्यान केंद्रित करते हैं जब राहुल जी जान गएँ हैं कि उनके द्वारा चलायी जा रही कल्याणकारी योजनाएं जो कि मुख्यतः गरीबों के लिए चलाये जाते हैं जैसे मनरेगा, अब योजना तो बहुत ही अच्छा है गाओं में रहने वाले किसान मजदूरों को सालों भर रोजी तो नहीं मिलती तो कम से कम मनरेगा योजना के तहत १०० दिन के लिए सरकार उन मजदूरों को गाओं सम्बंधित कल्याणकारी कामों में लगाकर एक न्यूनतम मजदूरी देने का प्रावधान मनरेगा में है पर क्या राहुल जी नहीं जानते कि मनरेगा में कितना भ्रष्टाचार हुवा और कितने लोग गरीबों का पैसा लूटकर अमीर बन गए और शासन एवं अधिकारी लोग इन भ्रष्टाचारियों में से कितने लोगों को सजा दिलवा पाये कितने लोगों कि संपत्ति कुर्क की गयी जब तक अपने देश में घोटालेबाजों कि संपत्ति कुर्क नहीं होगी ऐसे भ्रष्टाचार जारी रहेंगे फिर ऐसी योजनाओं से गरीबों का क्या? लाभ होने वाला है ऐसे में किस आधार पर राहुल जी अपनी पार्टी कि पीठ थप थापा रहें हैं यह तो गरीबों का मजाक बनाना ही कहा जायेगा आज एक होड़ सी लगी है अपने को अच्छा और दीगर पार्टियों को बुरा जबकि आज देश में जो मूल समस्यायें हैं जैसे कमरतोड़ महंगाई , नित नए घोटाले ,देश में आंतरिक एवं बाह्य सुरक्षा , नक्सल समस्या ,महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार शिक्षा ब्यवस्था में ब्याप्त भ्रष्टाचार पीने के पानी कि समस्या ,प्रदुषण और जेन कितनी ही समस्यायें हैं जिनका समाधान होना है कोई नेता इन विषयों पर बात ही नहीं करता आखिर नेताओं के कोरे आश्वासन को जनता कब तक सुनेगी और कैसे ये नेता बगैर इन समस्यायों का समाधान सुझाने के जनता से कहते फिर रहें हैं हमें वोट दो आज गरीब दिनों दिन अति गरीब होता जा रहा है और जो थोडा बहुत विकास हो भी रहा है उसका लाभ कुछ लोगों तक ही सिमित है लोगों के पास सर छुपाने को घर नहीं है खुले आसमान में कड़कती ठण्ड में गरीब लोग बाहर सोने को मजबूर दिखाई देते हैं लोगों कि ठण्ड से जान चली जाती है और अपने देश में गरीब कि जान कि कोई कीमत ही नहीं समझी जाती है. प्राकृतिक विपदा से हजारों लोगों कि जानें चली जाती हैं दुर्घटनाओं में कितने ही लोग मारे जाते हैं ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के क्या उपाय किये जाएँ, कभी इसकी चरचा नहीं होती बस आजकल रोज सर्वे आ रहा है कौन सी पार्टी कितना सीट जीतेगी कभी यह भी दिखाया जाना चाहिए कौन सी पार्टी आज जो देश में समस्याएं हैं उनका समाधान कब और कैसे करेगी ६० सालों से गरीबों का नाम लेकर ही ये पार्टियां राज करती रहीं और गरीब का क्या हुवा? वह तो और ज्यादा गरीब बन गया कांग्रेस ने खाद्य सुरक्षा योजना लायी और दूसरे रोज ही पि. डी. एस के बोरियों से भरा ट्रक पकड़ा गया जो गेहूं गरीबों में बाटना था वह फलोर मिल में पहुच गया क्या ? ऐसी ही खाद्य सुरक्षा ये पार्टियां ये नेता देश के गरीब लोगों को देना चाहते हैं क्या इसीको गरीबों के लिए काम करना कहा जाता है . पहले ही सार्वजानिक वितरण प्रणाली में कितना भ्रष्टाचार ब्याप्त है लाखों टन अनाज हर साल सड़ जाता है अभी भी सड़ रहा है और आगे भी सड़ेगा कोई पार्टी इसकी बात नहीं करती ऐसा क्यूँ है ?
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