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क्या भूमाफिया से पुलिस-प्रशासन एवं सरकार डरती है ?

aarthik asmanta ke khilaf ek aawaj
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टेलीविजन के एनडीटीवी चैनल पर खबरों में प्रसारित हो रहा था की अपने देश में हर रोज अवैध खनन के १८२ मामले पुलिस में दर्ज होते हैं ,लेकिन मात्र २ प्रतिशत मामलों में कोई कार्रवाई होती है और खासकर देश की राजधानी दिल्ली के आस पास ही हर रोज भुमफियीओं का एक बड़ा गैंग सक्रीय है और रोज अवैध खनन का कारोबार निर्बाध गति से चलता रहता है चुकी यह खबर टेलीविजन के चैनल पर प्रसारित हो रहा था इस खबर को कांग्रेस के मिडिया प्रभारी भी सुनते होंगे अब देखना है क्या? ये प्रभारी ऐसा जानने के बावजूद भी हाथ पर हाथ दिए बैठे रहते हैं या कोई इस अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए एक सख्त कदम उठाते हैं पिछले दिनों कर्णाटक में विधानसभा का चुनाव संपन्न हुवा और वहां की सत्तारूढ़ बीजेपी पार्टी की करारी हार हुयी कारन क्या था? सबको मालूम है वहां भी बेल्लारी बंधुओं द्वारा अवैध खनन का ही काम किया जा रहा था और वहां के तत्कालीन मुख्य मंत्री का उन भुमाफियियाओं पर वरद हस्त था नतीजा पहले वे मुख्यमंत्री पद से हटाये गए बाद में वे अलग पार्टी बनाकर चुनाव मैदान में उतरे और १०-१२ सीटों में सिमटकर रह गए आज दिल्ली में कांग्रेस की शीला दिक्षीत की सरकार है और यह अवैध खनन का मामला दिल्ली के नजदीक का ही है अगर समय रहते वहां की सत्तासीन सरकार इन अवैध खनन पर कारगर रोक नहीं लगाती तो शायद चुनाव परिणाम उनके पक्ष में ना आये दिल्ली में नवम्बर में चुनाव होने हैं . यह तो इसका एक पक्ष हुवा दुसरे इस तरह के अवैध खनन से वातावरण भी प्रभावित हो रहा है पर्यावरण भी प्रभावित हो रहा है और लोगों के स्वास्थ्य पर भी इसका बुरा असर हो रहा है क्या सरकार एवं पुलिस प्रशासन में बैठे लोग इस गंभीर विषय पर कुछ सोचेंगे और ऐसे अवैध खनन पर जल्द से जल्द रोक लगाएँगे, ख़बरों में यह भी कहा गया की अवैध खनन के खिलाफ जिन लोगों ने कार्रवाई करने का साहस किया उनको अपनी जान से हाथ धोना पड़ा कुछ महीने पहले ही मध्यप्रदेश में एक डीएसपी की हत्या भूमाफिया ने करा दी. इसके बाद भी क्या किसी हत्यारे को फांसी की सजा सुनाई गयी, शायद नहीं अतः यह सारा दोष अपने न्याय प्रक्रिया पुलिस का नाकारापन का ही कहा जायेगा जहाँ वर्षों तक हत्या जैसे संगीन मामलों का फैसला नहीं हो पाता जांच नहीं हो पाती है लगता है सरकार इन भूमाफियाओं के आगे घुटने टेक चुकी है या तो सरकार में बैठे लोगों का ही इन माफिया को संरक्षण मिल रहा है कुछ तो है
वक्त अब आ गया है जब पुलिस – प्रशासन एवं सरकार में बैठे मंत्रिगन सख्त कदम उठायें और इन माफियायों को जेल के सलाखों के पीछे जल्द से जल्द डाले ताकि अपने देश का पर्यावरण बचा रहे और लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ न हो अपने देश का होनेवाला युवा अस्वस्थ और बीमार न हो और करोड़ों के राजस्व का नुकसान न हो आशा है इस गंभीर मसले पर टेलीविजन के माध्यम से भी बचाने के प्रति गंभीर है अगर ऐसा नहीं किया गया तो जरुर जनता यह सोचेंगी की अपने देश की पुलिस-प्रशासन एवं सरकार इन भुमाफियायों से डरती है

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