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कांग्रेस का कर्णाटक में इस मजबूती के साथ जीतना और बीजेपी की करारी हार वर्तमान राजनीती को किस ओर ले जा रहा है? क्या! अपने देश में भ्रष्टाचार कोई मुद्दा नहीं रहा ? या बीजेपी का भ्रष्टाचार ही उनको ले डूबा आखिर कर्णाटक की जनता ने ऐसा क्या सोंचा? जब एक तरफ सांप नाथ और दूसरी तरफ नाग नाथ हैं फिर भी चुनाव परिणाम वर्तमान देश की परिस्थितियों को देखते हुए चौकाने वाले नहीं लगते . जब नित नए घोटाले कांग्रेस की सरकार केंद्र में कर रही है टू जी, कोयला घोटाला, कामन- वेल्थ घोटाला और न जाने कितनो का 2014 आने के पहले होना है इसका अंदाजा 2 जी से लेकर कोयला घोटाले तक जनता को हो ही चूका है इसके वावजूद कांग्रेस की भारी विजय समझ से परे है और यह दर्शाता है की अपने देश में आज भ्रष्टाचार कोई मुद्दा नहीं है और सरकार में बैठे लोग मस्त हैं शासन चला रहें हैं लूट मचा रहें हैं और जनता को मुफ्त में खाना बाटने का कानून बना ही रहें हैं इससे क्या भूखों का पेट भर जायेगा, या एक और बहुत बड़े नए घोटाले का रास्ता खुलेगा यह तो कानून बन जाने के बाद जनता के समक्ष आ ही जायेगा अब इस परिस्थिति में अरविन्द केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के समर्थकों को सोचना है की इस भ्रष्टतम कांग्रेस को कैसे सत्ता से हटाया जाये थोड़े दिनों बाद दिल्ली में भी चुनाव होने है .निस्संदेह कांग्रेस का मनो बल बढ़ा है और अब वह दिल्ली की गद्दी के करीब अपने को सोंच रही होगी ताज्जुब है इधर कर्णाटक में चुनाव हो रहें हैं और दिल्ली में सीबी आई जो कोयला घोटाले की जांच कर रही है वह मंत्री के कहने पर अपनी रिपोर्ट साझा करती है कानून मंत्री के साथ जिस पर सर्वोच्च अदालत ने भी आपत्ति जताई और सरकार है की कह रही है उसने कुछ भी गलत नहीं किया ऐसा बयान दिग्गी राजा टेलीविजन पर दे रहें हैं यही नहीं ख़तम होता कांग्रेस का भ्रष्टाचार इनके रेल मंत्री का भांजा किसी की तबादले की दलाली करता है और घुस में ९० लाख पहुचाता है किसी अधिकारी को मन माफिक पोस्टिंग दिलाने के लिए ताकि उसके माध्यम से रेल में अरबों के ठेकों में बन्दर बाँट किया जा सके यह सब कुछ चलते रहने के बावजूद कर्णाटक की जनता इसी भ्रष्ट कांग्रेस को बहुमत से जिताती है क्या यह कम हैरानी की बात है
हो सकता है मेरी राजनीती के बारे में कम जानकारी हो इसलिए प्रबुध पाठकों से मेरा अनुरोध है वे अपने विचार जरुर लिखे ताकि देश को इन भ्रष्ट नेताओं से निजात दिलाने में मदद पहुचे और कानून का राज बने बलात्कार की घटनाओं पर लगाम लगे जनता की बुनियादी जरूरते पूरी हों, बेकार हाथ को काम मिले और मनरेगा योजना को खेती से जोड़ा जाए अब अपने देश को किसी ऐसी पार्टी की सरकार की जरुरत है जिसके मंत्री सादगी को अपनाएं और अपना अधिक समय अपने क्षेत्र के लोगों की समस्यायों को सुलझाने में ब्यातित करें नाकि वातानुकूलित चेम्बरों में बैठे सोते रहें और जनता की गाढ़ी कमाई के पैसों पर विदेश यात्रा पर निकल जाएँ संसद में जनता का काम हो जरुरी कानून पारित किया जा सके और इन सब कामों में जो ब्याव्धन पैदा करे उसको संसद से निकाल बाहर किया जाये जरुरी हो तो संविधान में संसोधन किया जाये और नेता लोग अपने वेतन भत्तों को बिना वजह न बढ़ाएं इससे जनता पर बोझ बढ़ता है वैसे भी ढेर सारी सहूलियतें इन नेताओं को मिलती हैं आम आदमी की सुरक्षा पर सरकार का ध्यान हो नाकि केवल नेता जेड सेकुरिटी में घूमते रहें और जनता का कुछ काम न करें केवल अपनी जान की सुरक्षा में लगे रहें अरे वह नेता कैसे कहा जायेगा, जिसको अपने देश में घुमने के लिए सुरक्षा की जरुरत पड़ती है और वैसा नेता जनता को क्या सुरक्षीत रखेगा जो खुद हमेशा अपने को ही असुरक्षीत समझे बैठा है कोई एक नेता तो ऐसा उदहारण प्रस्तुत करे जनता के समक्ष और जरुर अरविन्द केजरीवाल ऐसे नेता मेरी समझ से हैं . और मैं उनको भी आज जो देश में गंभीर राजनितिक परिसिथिति बनी है उसमें समुचित कदम उठायें जरुर जनता उनका साथ देगी
अशोक कुमार दुबे
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