- 166 Posts
- 493 Comments
मेरी राय में यह सही प्रस्ताव है – क्यूंकि किसी ब्यक्ति के अपराधी प्रविर्ती के होने या न होने में उसके परिवार खास कर उसके माता- पिता की जिम्मेवारी बनती है और एक ब्यक्ति के चलते उसके पूरे परिवार को लोग घृणा की नजर से ही देखते हैं और उसका सामाजिक बहिष्कार तो हो ही जाता है ऐसा कई मामलों में पहले भी सुनने को मिलता रहा है और यह मामला तो किसी रेपीस्ट के बारे में है जब अपना समाज किसी साधारण अपराध में भी कोई ब्यक्ति जेल काट कर आता है या उसको सजा सुनाई गयी होती है साधारनतया समाज में लोग उस परिवार से दूरी बनाने लगते हैं यह कोई नयी बात नहीं और आज तो आये दिन बच्चियों का यौन शोसन एवं बलात्कार की घटना हो रही है कहने को यह बीमार मानसिकता वाले ब्यक्ति करते हैं लेकिन इन सब का कारन केवल एक यही नहीं है, जरुर इन सब बातों के लिए उस ब्यक्ति का परिवार जिम्मेवार है जिसने अपने बच्चे को सही- गलत की पहचान नहीं बताई क्यूंकि हर ब्यक्ति की पहली पाठशाला उसका अपना घर है और पहले गुरु उसके माता -पिता ही होते हैं अतः उनका बच्चा या बच्ची किनकी सांगत में घूमता है क्या करता है एक जिम्मेवार अभिभावक को तो देखना ही पड़ता है जो नहीं करता उनके ही संतान ऐसे होते हैं और एक बात और है जब घर का परिवेश ख़राब हो घर में ही महिलाओं या बच्चियों पर जुर्म हो रहा हो तो उस घर में बीमार मानसिकता के लोग ही बनेंगे न! अगर इस तरह का प्रावधान क़ानूनी रूप से कर दिया जाये तो जरुर आज के रेपीस्ट दस बार सोचेंगे की अगर वे कोई इस तरह का अपराध करते हैं तो ऐसी हालत में उनका पूरा परिवार सजा का हक़दार होगा और ऐसा करने से रेप की घटनाओं में जरुर कमी होगी . लेकिन दुर्भाग्य से अपने देश में कानून की पकड़ इतनी ढीली है की वर्षों तक मुक़दमे चलते रहते हैं और आम तौर पर अपराधी जमानत पर छूटकर और कई अपराध करते हैं इस विषय पर भी सोचना जरुरी है .
अब समय आ गया है की इस गंभीर सवाल को एक गहन चर्चा का विषय बनाया जाये और टेलीविजन के माध्यम से भी लोगों को शिक्षित किया जाये ताकि समाज में फिर से सकारात्मक सोंच पैदा हो और बीमार मानसिकता वाले ब्यक्ति पागल खाने में हों ऐसे ब्यक्ति को खुला घुमने की छूट कतई न हो तभी हमारे देश की महिलाएं एवं बच्चियां सुरक्षीत बाख पाएंगी और समाज में फैलती यह बुराई कुछ कमतर होगी .
Read Comments