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मेरे विचार से भ्रष्टाचार के मूल में दो हिन् बातें हैं
१. संपती की सीमा का निर्धारण नहीं होना , अगर एक सीमा के बाद जमा की गयी सम्पत्ती सरकारी घोषित कर दी जाये और उसको जनता के हित के लिए इस्तेमाल किया जाये तो आज जो करोड़ों के घोटाले हो रहें हैं वे रूक जायेंगे और इसमें उद्योगपति ,नेता , सरकारी अधिकारी सभी शामिल किया जाएँ .इसका प्रयोग बिहार के मुख्यमंत्री बिहार में कर रहें हैं जिस दिन भ्रष्टाचार या आय से अधिक सम्पति का ब्यौरा मिल जाये ऐसी सम्पति तुरंत जब्त की जानी चाहिए . निश्चीत रूप से सभी भ्रष्टचार समाप्त हो जायेंगे .
२. जीने के लिए बुनियादी जरूरतों की पूर्ती सर्कार की जिम्मेवारी हो ,जैसे की सिक्छा ,स्वास्थ्य ,रोटी कपडा एवं मकान सबको देने की जिम्मेवारी सरकार की हो और जो सरकार यह न दे पाए गद्दी छोड़ दे यह मौलिक अधिकार देश की संविधान के तहत जनता को प्राप्त हो हो . और विवाह में दहेज़ प्रथा की समाप्ति हो दहेज़ लेने देने वालों को सजा हो जाये बस
भ्रष्टाचार समाप्त !
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