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अभी पिछेल दिनों अन्ना हजारे जी ने अपना नया दफ्तर दिल्ली में खोला चुकी अभी थोड़े दिनों में दिल्ली में और गुजरात में चुनाव होनेवाले हैं ऐसे समय में अन्ना द्वारा उठाया गया यह सटीक और सही कदम कहलायेगा दिल्ली से दूर रहकर दिल्ली वालों को कुछ कहना सुनना भैंस के आगे बीन बजाना है क्यूंकि आज नेता और मंत्री शायद ही दिल्ली के सरकारी आवास को छोड़ अपने छेत्र की ओर जाने की जहमत उठाते हैं क्यूंकि जरुरत भी क्या है? जब चुनाव आते हैं उनके मनेजर चुनाव प्रबंधन का काम देखते हैं और नेता जी का जीतना सुनिश्चित करते हैं आजकल तो इसका भी ठेका लोग लेते हैं इसके लिए ठेकेदार उपलब्ध हैं और ऐसे लोग भी संसद के गलियारों में ही घूमते रहते हैं चुनाव के समय को छोड़कर बाकि समय उनका किसको ठेका दिलवाना है किसको लाभ का पद दिलवाना है इसी कम में लगे रहते हैं सब कुछ ठेके पर मिलता है अपने इस लोकतंत्र में इसमें संदेह नहीं अपना देश का लोकतंत्र एक विचित्र लोकतंत्र है क्यूंकि इसमें लोक की कोई बात करने की जरुररत ही नहीं पड़ती बस तंत्र अपना काम करता रहता है और नेताओं एवं अधिकारीयों की साठ गांठ तो सर्वविदीत सत्य है आज ख़बरों में कैग पर भी नकेल कसा जायेगा ऐसा छपा है क्यूंकि पिछले दिनों कैग के खुलासे करने से सरकार की बहुत ज्यादा बदनामी हुयी है और सरकार सांसत में है अतः क्यूँ न उस संस्था को ही लगाम लगाया जाये जो सारे फसाद की जड़ है और सरकार इस पर विचार कर रही है हो सकता है बहुत जल्द यह भी पढने को मिले की कैग के शीर्ष अधिकारी हटाये गए क्यूंकि उन्होंने सरकार की छबि ख़राब की है . क्या सरकार में बैठे लोग यह नहीं सोंच सकते की आखीर कैग यह सब खुलासे क्यूँ कर रहा है? क्या वह अपने कर्तब्यों का निर्बहन संवैधानिक दायरे में रहकर नहीं कर रहा इस तथ्य को भी सार्वजनिक करना चाहिए सरकार को, वरना! जनता तो यही सोचेगी की आज अपने यहाँ लोकशाही नहीं तानाशाही है और आज की जनता इसे बर्दाश्त नहीं करेगी और आने वाले चुनावों में इन कारनामों का मुहतोड़ जवाब देगी कांग्रेस का सूपड़ा साफ़ करेगी अगर यह सरकार अलोकतांत्रिक तरीके ही अपनाएगी तो उसे अपने खात्मे के लिए भी तैयार रहना होगा अन्ना जी ने दहाडा है और जल्द वे अपने आन्दोलन को देश ब्यापी रूप देंगे मैं अन्ना जी का अपने बिहार में स्वागत करता हूँ क्यूंकि बिहार ही सारे आंदोलनों की जन्मस्थली रही है लोकनायक जयप्रकाश ने भी यहीं से अपने सम्पूर्ण क्रांति की शुरुआत की थी अन्ना जी बिहार आयें और आन्दोलन का बिगुल बजाएं हम बिहारी आपका पूरा साथ देंगे मुझे ऐसा विश्वास है इसकी घोषणा भी वे कर चुके हैं भ्रष्टाचारियों सावधान ! अगर आप यूँ ही जनता का धन लूटते रहोगे तो अगले चुनाव में जीतने की उम्मीद छोड़ दो अब जनता इस कमर तोड़ महंगाई और दानव रुपी भ्रष्टाचार को और सहन नहीं करेगी अपना पैसा विदेशी बैंकों में पड़ा सड रहा है और इस देश के बच्चे कुपोषण के शिकार होकर मर रहें हैं माताएं सही खुराक के आभाव में एक बीमार बच्चे को जन रहीं हैं किसान आत्महत्या कर रहें और उनकी संख्या आज लाखों में पहुच चुकी है एक नेता इस देश में ऐसे भी हुए थे जिन्होंने देशवासियों को नारा दिया था “जयजवान -जय किसान” और आज के नेता “जय भ्रष्टाचार- जय काला धन” ऐसा नारा ही देश को दे रहे हैं आज फिर से वैसे नेता की देश को जरुरत है जो फिर से जयजवान ,जयकिसन का नारा दे ऐसे नेता दिवंगत प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी थे पर आज के ये कांग्रेसी उनको याद करना भी जरुरी नहीं समझते सारे आदर्शों और सिधान्तों को ताक पर रख दोनों हाथों से जनता का धन लूटने में ये दिलो जान से लगे हैं और शर्म इनको आती नहीं ये इतने ही बेशर्म हैं इन्तहां है इन की बेशर्मी और निर्दयता की
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