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अभी हाल ही में सरकार ने अपने मंत्रालय में फेर बदल किया और नए चेहरों को कार्य भार सौंपा, क्या ऐसे बद्लाव से आज देश में ब्याप्त भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगा? अपने देश का ४ लाख करोड़ रुपया जो स्विस बैंक में जमा है वह वापस आ जायेगा ? अगर नहीं तो इस फेर बदल से किसका फ़ायदा होगा ? कृपया अपने माननीय प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह जनता को संबोधीत कर बताएं .आज देश की जनता जानलेवा महंगाई से मारी जा रही है और सरकार अपने को महंगाई रोकने में असमर्थ पा रही है इस बार रसोई गैस पर से सब्सिडी हटाकर हर सातवें सिलिडर का दाम हजार रूपये कर देने से देश की बहुतायत जनता को अपने घर एक वक्त का ही खाना नसीब होगा क्यूंकि एक परिवार में महिने में कम से कम एक सिलिडर जरुर चाहिए और इस हिसाब से एक साल में कम से कम १२ सिलिडर एक परिवार को चाहिए क्या भारत सरकार के पेट्रोलियम मंत्रालय ने ऐसा एलान करते वख्त इन बातों का ध्यान रखा है या क्या नए पेट्रोलियम मंत्री श्री बिरप्पा मोईली जनता को कुछ राहत दे पाएंगे ख़बरों में यह भी सुना गया की जयपाल रेड्डी जी इसलिए हटाये गए की वे रिलायंस को यानि अम्बानी को फायदा पहुचाने से नकार रहे थे इसलिए उनका मंत्रालय बदला गया जब इस तरह के जनविरोधी फैसले यह सरकार लेती रहेगी फिर कोई मंत्री आये या जाये देश की जनता को क्या फरक पड़ेगा हाँ पहले कुछ नेता मंत्री पद पाकर लूटकर अलग हो लिये अब नए लोग रही सही कसार पूरी करेंगे तब तक २०१४ का चुनाव आ जायेगा और अगली सरकार किसी की बने घर बैठे सैर सपाटे के लिए अकूत धन तो ये नेता एवं मंत्री के पास इकठ्ठा हो जायेगा आज अपने नेता केवल और केवल गरीब जनता द्वारा कमाया गया धन लूटकर विदेशी बैंको में जमा करने को ही प्राथमिकता दे रहे हैं .
क्या ये मंत्री यह खुलासा करेंगे की वे अपने कार्यकाल में जनता की भलाई का कौन सा काम किये जो उन्हें मंत्री पद मिलना चाहिए क्या मंत्री केवल इसलिए बनाया जाये की वह देश के पैसे पर विदेश यात्रा करे महगे होटलों में ठहरे और ऐश करे, जनता का कोई काम न करे भ्रष्टाचार को ही बढ़ावा दे गरीब जनता पर महंगाई का बोझ बढ़ाते जाये ताकि जनता मर मारा जाये खाए बिना आज भूख ,स्वास्थ्य एवं सिक्छा जैसे बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में जनता परेशां है और ये नेता हैं जो अपना वेतन बढ़ने अपनी सुविधाए बढ़ने में लगे हुए हैं और हर वक्त संविधान सांसद संसद न्यायपालिका और लोकतंत्र की दुहाई देत्ये नहीं थकते के इसीको लोकतंत्र कहेंगे अगर सरकार के मुताबीक यही लोकतंत्र है तो ऐस्डा लोकतंत्र से किसका फायदा जब आम जनता को सहूलियत न मिले और नेताओं का पेट कभी न भरे ऐसा नहीं लगता इस देश की जनता की तस्क्दीर्ट भी बदलेगी शायद अरविन्द केजरीवाल कुछ ऐसे खुलासे और करें जिससे यह सरकार और घिरे और गद्दी छोड़ने के लिए मजबूर की जाये
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