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आजकल ऐसी खबर सुर्ख़ियों में है ,कैब ड्राईवर ने तीन साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म किया , कभी खबर आती है दो साल के बच्चे के साथ दुष्कर्म किया . आखिर यह सब क्या हो रहा है ?.क्या अपने देश से मानवता मर चुकी, पहले तो युवतियों, महिलाओं और बुजुर्गों पर इस तरह के हमले होते थे अब बच्चे जो निरीह हैं ठीक तरह समझ भी नहीं पाते उनके साथ ऐसा अमानवीय ब्यवहार कोई कर रहा है यह एक अजूबा लग रहा है , उस अबोध बालक या बालिका के साथ कोई कैसे दुष्कर्म करता होगा ?यह बड़ा हीं गंभीर प्रश्न है और समाज के लोगों को इसका कारन और निदान जल्द से जल्द ढूँढना होगा साथ ही सामाजिक संस्थाओं ,पुलिस ,कानूनविदों , न्यायालयों सबको इस जघन्य अपराध के पीछे कैसे लोग और उनकी मानसिकता क्यूँ इतनी विकृत होती जा रही है उसकी खोज बीन ,जाँच पड़ताल अविलम्ब करने की जरुरत है यह अपने आप में एक अछम्य सामाजिक अपराध बन कर उभरा है . कई बार यह भी सुनने को मिलता है की ऐसे लोग मानसिक रोग से ग्रस्त होते हैं या तो वे बीमार मानसिकता के कायल होते हैं कुछ तो कारन जरुर है नहीं तो जिस देश में कन्यायों की पूजा होती है उसी देश में कन्यायों के साथ इस तरह के अपराध में दिनोदिन बढ़ोतरी निश्चीत रूप्प से चिंताजनक है अब कैसे बच्चों के माता पिता अपने बच्चों को स्कुल भेजते वक्त उसे महफूज समझेंगे? और किस किस पर शक करेंगे पहरा देंगे किसके पीछे लगेंगे . निस्संदेह यह कानून और पुलिस का काम है , और साथ हीं स्कुल प्रशासन भी इसके लिए जिम्मेवार है परन्तु हर हाल में इस बुराई की जड़ में पहुचना पड़ेगा और दोषियों को तो एक दिन के लिए भी आजाद छोड़ना उन बच्चों एवं अभिभावकों के साथ कानून द्वारा की जाने वाली नाइंसाफी ही कही जाएगी जिनके बच्चों पर ऐसी बीती है वे अभिभावक उनके माता पिता कितने आशय अपने को महसूस कर रहे होंगे जब यह जानते होंगे की दोषी जमानत पर छूट गया आशा है पुलिस प्रशासन अपनी संवेदनशीलता दिखाएगी और ऐसे अपराधियों को सख्त से सख्त बिना देरी सजा दिलाने में कानून की मदद करेगी .
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