Menu
blogid : 8115 postid : 84

पाकिस्तान से भागकर आते हिन्दू : अत्याचार से पीड़ित या घुसपैठ की नयी चाल – जागरण जंक्शन फोरम

aarthik asmanta ke khilaf ek aawaj
aarthik asmanta ke khilaf ek aawaj
  • 166 Posts
  • 493 Comments

सबसे पहले तो मैं यह कहना चाहूँगा की पाकिस्तान पर किसी तरह का भरोसा करना ,विश्वास करना हमारी बहुत बड़ी भूल होगी ,अब है की क्या पाकिस्तान से भागकर आने वाले लोग सचमुच हिन्दू हीं हैं? या कुछ इनमे से सताए गए हिन्दू हैं और ज्यादा भाड़े के उग्रवादी हैं- हिन्दू की शकल में ? अतः इनकी गहन जांच होनी चाहिए और ऐसा लगता है सीमा पर तैनात हमारी बी एस ऍफ़ लापरवाह है जो ऐसे कथित हिन्दू लोगों को आने दे रही है . क्यूंकि अगर सर्कार में बैठे लोगों से पूछा जायेगा तो उनका तो एक हीं जवाब है “वसुधैव कुटुम्बकम ” और उससे अगर बात न बने तो “अतिथि देवो भवः ” ऐसा कहकर अपने वोट बैंक खातीर वर्तमान कांग्रेस कुछ भी कर सकती है हो सकता है सीमा सुरक्छा बल को हिदायत दी जाये की जो आता है उसे आने दो चुनाव आनेवाला है , देश की जनता तो हमें वोट देंगे नहीं, कम से कम ये लोग तो वोट देंगे और बिना किसी सवाल के उनको वोटर आई डी कार्ड भी यह सर्कार मुहैया करा सकती है .अतः मेरी राय में इससे पहले की देर हो जाये इन्हें बैरन वापस कर देना चाहिए बेशक मानवता का यह उसूल नहीं पर ऐसे पडोसी पर विश्वास करना बहुत हीं घातक सिद्ध होगा
दूसरा सवाल है क्या वाकई भारत में भारी संख्या में आ रहे कथित रूप से पीड़ित हिन्दू सही मंशा से आ रहे हैं ?
जब उनकी वास्तविकता पर हीं प्रश्न उठ रहें हैं, तब यह कैसे सुनिश्चीत किया जा सकता है की वे वाकई सताए गए पीड़ित हिन्दू हीं हैं ? अतः इस विषय में तो काफी खोज बीन की जरुरत है और यह काम सीमा सुरक्छा बल और हमारी गुप्तचर सेवा के लोगों द्वारा ही पता लगाया जा सकता है , हो सकता है कुछ प्रतिशत लोग सचमुच सताए हुए लोग हो सकते हैं क्यूंकि पाकिस्तान के लोग कट्टर पंथ में विश्वास रखने वाले लोग हैं मानवता वहां मर चुकी है और वहां की सर्कार जनता को गुमराह कर रही है हिंदुस्तान के खिला प्रोपगंडा कराती रहती है ताकि लोगों का ध्यान विकास और सहुल्यातो से हटकर कौमी शकल अख्तियार कर ले और इसका ठीकरा भारत पर वह फोड़ना चाहता है .
३ . आखिर क्यूँ भारत , पाकिस्तान में रह रहे हिन्दू परिवारों की सुरक्छा के लिए प्रभावी रूप से आवाज नहीं उठता है ?
जब हमारी सर्कार यहाँ रह रहे हिन्दुओं के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाती है उस सरकार से इस देश के लोग क्या उम्मीद कर सकते हैं? यहाँ जनता महंगाई जैसे जानलेवा समस्या से रोज रूबरू हो रही है और सरकार कान में तेल डालकर बहरी गूंगी बनी हुयी है वह भारत से बाहर रह रहे हिन्दुओं की क्या चिंता कर सकती है? उसकी चिंता का सबब अब बंगला देश से आये मुसलमानों को कैसे इस देश की जनता में शुमार करना है और अपने वोट बैंक को बरक़रार रखने में ज्यादा है, यह अभी हाल ही में देखने को मिला है वहां मारे जाने वालों में किसको पता कितने हिन्दू और कितने बंगलादेशी मुस्लिम थे? क्या सरकार कोई आंकड़ा देश वासियों को दे रही है हाँ उलटे ऐसा लिखने वालों पर जरुर कार्रवाई करने की सोंच रही है इसके लिए अभी हाल हीं में कितने तरह की पाबंदी लगायी गयी है हम तो आपके जागरण के शुक्रगुजार हैं की आपने ऐसे महत्वपूर्ण टापिक पर हमारी राय जाननी चाही .
४ क्या अपने आतंकियों को पीड़ित हिन्दुओं के रूप में शरण दिलाकर घुसपैठ कराने की पाकिस्तान की यह नयी चाल है ?
निश्चीत रूप से इसको नयी चाल के रूप में ही देखना ज्यादा सही होगा क्यूंकि पाकिस्तान जैसा मुल्क कभी भरोसे के काबिल नहीं, इसका अंदाजा सन १९९९ में कारगिल युध्ह है ,जिसे पूरी दुनिया ने देखा हमारे जाबांज सैनिकों ने अपनी जान गवईं और उनको भी यह देश इज्जत नहीं बक्शना चाहती ऐसे में अब कोई नयी परीक्छा की जरुरत नहीं और हमारे देश के अमन प्रेमी लोगों को अमन की आशा छोड़ देनी चाहिए और पाकिस्तान की हर ऐसी कोशिस का मुहतोड़ जवाब देना चाहिए इसमें संदेह नहीं कुछ निर्दोष लोग भी इसके शिकार होंगे पर यह हमारे देश की मजबूरी है क्यूंकि इस देश में तो पकडे गए आतंकी को बिरयानी खिलाया जाता है और अपने देश में लोगों को खाने के लिए रोटी नसीब नहीं होती साथ ही सरकार की गलत नीतियों के चलते लाखों टन अनाज हर साल सड़ जाता है यह सारी दुनिया वर्षों से देख रही है क्यूंकि टेलीविजन चैनलों पर ऐसा कई बार दिखाया गया पर सरकार की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाये गए जब हमारे देश की सरकार एवं मंत्री इतने संवेदनशील मसले पर गंभीर नहीं हुयी तब घुसपैठ के मसले पर कैसे वह गंभीर हो सकती है जिस देश में सदने के लिए अनाज है उस देश में जितने भी शरणार्थी आयें चाहे वे शरणार्थी के रूप में उग्रवादी हीं क्यूँ न हों . अतः जरुर यह पाकिस्तान द्वारा नयी चाल चली जा रही है इसका पूरे देश की जनता को विरोध करना चाहिए और इस विषय पर एक गंभीर बहस की गुन्जायिश भी है इससे पहले की घुसपैठ और अधीक मात्र में हो जाये .

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply