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संसद की साठवीं वर्षगांठ

aarthik asmanta ke khilaf ek aawaj
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पिछले १३ मई को भारतीय संसद की साठवीं वर्षगांठ मनाई गयी संसद हाल खचाखच भरा हुवा था सभी सांसद ,नेता एवं मंत्री संसद की गरिमा का बखान करते हुए बड़े गौरव का अनुभव कर रहे थे अपनी उपलब्धियों को गिना रहे थे और कुछ संसद तो आज के संसद में सभी वर्ग के लोगों का प्रतिनिधित्व होने का दावा भी कर रहे थे जो की साठ साल पहले नहीं था मतलब संसद एक मजबूत लोकतंत्र को परिभाषित कर रहा था .ऐसा नहीं की पिछले साठ साल में हमारी कोई उपलब्धियां नहीं ऐसा कोई भी समझदार आदमी नहीं कहेगा पर साथ ही आज देश किन महत्वपूर्ण समस्यायों से जूझ रहा है इसकी चर्चा भी ये सांसद लोग करते तो देशवासियों को भी गर्व होता इस साठवीं वर्षगांठ मनाने का पर यहाँ तो माहौल ही कुछ और था अपने मुह मियां मिठू वाली कहावत चरितार्थ होते दीख रहा था .
देश में लाखों टन अनाज खुले में रखा है सड़ रहा है जिसे जानवर भी खाने को तैयार नहीं और अब नयी फसल आई है वह भी गोदामों की कमी के कारन खुले में ही रखी जाएँगी और त्रासदी ये की अनाज सड़ेगा पर गरीबों जरुरतमंदो में बांटा नहीं जायेगा यूँ ही सडाया जायेगा ऐसा खाद्य मंत्री प्रधान मंत्री सभी कह रहे हैं . क्या यह एक गंभीर मसला नहीं इन नेताओं की नजर में अपने देश का कितना पैसा बहार स्विस बैंक में पड़ा है घोटाले पर घोटाले हो रहे हैं इनके बारे में कोई चर्चा नहीं हुयी इस वर्षगांठ पर सरकारी खर्चे को कम कर वाही पैसा रुके हुए योजनाओं में लगाने की बात नहीं कही गयी बल्कि सारे एमपी को लाल बत्ती दी जाये यह जरुर कहा गया इनकी ठाट बाट कायम रहे बाकि लोग भाग्य भरोसे जीयें या मरें क्या ऎसी उपलब्धि इस सर्कार ने गिनवाना है नेता सादगी का जीवन जियेंगे जनता के बीच साल में कम से कम एक महीने जरुर जायेंगे वहां की जमीनी हकीकत को समझने के लिए वहा के लोगों की समस्या का समधान कैसे हो इस पर विचार करने के लिए ऐसी कोई बात उस दिन चर्चा में नहीं आई एक संसद जदयू के श्री शरद यादव ने गरीबों का नाम लिया बाकि किसीने उसका समर्थन भी नहीं किया आम जन इस साठवीं वर्षगांठ क्या मतलब समझे जरुर कोई ज्वलंत समस्या की चर्चा होनी चाहिए थी और उसपर सारे सांसद एकमत होने चाहिए थे ताकि वैसी योजनाओं पर जल्दी कार्रवाई हो पति उनमे सबसे बड़ा मसला काला धन एवं अनाज की बर्बादी है लेकिन ये सांसद तो दबी जुबान अन्ना हजारे को कोसते नजर आये और सड़क पर कानून नहीं बनते सांसद में कानून बनते है यही कहते पाए गए यह नहीं बताये की जन्लोक्पल कब बनेगा कब पास होगा और जनता को इंसाफ कब मिलेगा व्हिसल ब्लोवर क्यूँ मारे जा रहे हैं आर टी आई कार्यकर्त्ता क्यूँ मौत के घाट उतारे जा रहे हैं इसकी चर्चा ये नेता करते तब तो ये जनहित चाहने वाले कहे जायेंगे आशा है हमरे प्रबुद्ध पाठक अपनी राय जरुर लिखेंगे

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